History/City Profile
रामगढ शेखावाटी की स्थापना विक्रम सवंत 1848 ईसवी में सीकर रावराजा द्वारा चूरु के महाजन व्यापारी परिवारों के 21 बही खातो को लाकर रामगढ नगर को बसाने के लिये की थी। इससे पूर्व यह स्थान नासा की ढाणी के नाम से जाना जाता था। वर्तमान समय में जंहा पर आज मुख्य बाजार में श्री प्रतापेश्वर मन्दिर स्थित है। वहां पर एक फिरास का पेड स्थित था जिसके नीचे एक राहगीरो के सुविधार्थ पानी की प्याउ बनाई र्हइु थी। सीकर रावराजा द्वारा रामगढ सेठान को बसाने के लिये चूरु महाजन परिवारो को आदेष दिया जिस बाद में पौद्वार परिवारो ने निर्मित करवाया। रामगढ शेखावाटी स्थापना के समय सेठ परिवारों के द्वारा बसाये जाने तथा पूरे शेखावाटी क्षेत्र से किसी भी जाति और धर्म के नागरिक को रामगढ आने पर रोटी, कपडा और मकान की व्यवस्था सेठ परिवारों के द्वारा स्थापना के समय की गई। इसी कारण यहंा पर हर जाति और हर समाज के लोग उस समय पर रामगढ आए और रामगढ का नाम रामगढ सेठान पडा। रामगढ के सेठ परिवारो ने यहां पर धार्मिक मन्दिरो, अपनी विशाल हवेलियो और भिती चित्रकला की छतरियो का निर्माण कार्य करवाया गया। यही कारण है कि इनको देखने के लिये बडी संख्या में देषी विदेषी पर्यटको का आना जाना लगा रहता है। रामगढ शेखावाटी सीकर जिले के अन्तिम छोर पर स्थित ऐतिहासिक कस्बा है जो अपनी संस्कृत षिक्षा पद्वति की ख्याति के कारण दूसरी काशी के नाम से भी विख्यात रहा है। यहां पर पूर्व में 36 संस्कृत पाठषालाओ और एक आयुर्वेद काॅलेज का संचालन किया जाता था जिसमें पढनंे के लिये बडी संया में पूरे राजस्थान के कोने कोने से विद्यार्थी रामगढ आते थे। वर्तमान में राज्य सरकार के प्रयासो से शेखावाटी क्षेत्र में हवेलियो के संरक्षण एवं आधारभूत सुविधाओ के योजनाबद्व विकास कार्य करवाये जाने के सम्बन्ध मे रामगढ की हैरिटेज महत्व की हवेलियो एवं पुरातन स्मारको का हेरिटेज कलस्टर का निर्धारण किया गया है जो राष्ट्रीय उच्च मार्ग सं. 65 गौशाला के सामने से प्रारम्भ होकर उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के सामने से होते हुये अग्रसेन भवन से अणतराम मोरी होते हुये फतेहपुरिया गेट के बाहर मदनलाल सावंलका हवेली तक सांवलका हवेली से दैनिक नवज्योति पुस्तकालय, राधाकिसन रामनारायण रुईया हवेली तक, रुईयो की गली बैजनाथ रुइया हवेली को शामिल करते हुये राधा बल्लभ रुइया हवेली, जैन मन्दिर को शामिल करते हुये शनि मन्दिर, दीपचन्द किशनलाल हवेली को शामिल करते हुये चैलावा चैक तक, गंगामाई मन्दिर केशरदेव पौद्वार बगीचा व खेमका छतरी को शामिल करते हुये मानजी खेमका हवेली, गौरीसरिया धर्मशाला को शामिल करते हुये पुराना बस स्टेण्ड तक प्रस्तावित किया गया है।
City Population (2011) | 33024 |
Area: |
6 sq Km |
Wards: |
25 |
Elected Members: |
25 |
Co-opted Member: |
0 |
Standing Committees: |
0 |
Budget size: |
2881-40 Laks |