History/City Profile
1. About
(a) Introdation (ULB Introduction) :- नगरपालिका रायसिंहनगर (श्रीगंगानगर) की स्थापना वर्ष 19 जुलाई 1930 में हुई। वर्ष 1947 से 1950 तक प्रथम अध्यक्ष के रूप में श्री हंसराज खत्री बने आजादी के बाद श्री रामनारायण किनरा पालिकाध्यक्ष बने एवं चम्पालाल वैद्य उपाध्यक्ष्ा बने। श्री रामनारायण किनरा द्वारा वर्तमान नगरपालिका भवन की नींव रखी गई। जिसका निर्माण बाद में अध्यक्ष बने डॉ. कुन्दन लाल द्वारा बनवाया गया। नगर पालिका का क्षेत्रफल 5.00 वर्ग किलोमीटर में हैं। वर्तमान में नगरीय क्षेत्र में 25 वार्ड सदस्य हैं इनमें से एक अध्यक्ष हैं सभी निर्वाचित सदस्य हैं।
b) History/City Profile (ULB/City/Town History details) :- बीकानेर रियासत के भूतपूर्व महाराजा गंगासिंह के भागीरथी प्रयासों से सन् 1927-28 में इस इलाके में जीवन दायिनी बनकर आई गंगनहर ने रेतिली भूमि को सींचा तो वीराने में बहार आ गई। दूरदृष्टा महाराजा ने नहर की योजना के साथ-साथ आबाद होने वाले किसानों की सुविधा के लिए गंगनहर क्षेत्र में कई अनाज मण्डीयों की स्थापना की गई जहां किसानों की फसलों का विक्रय हो तथा उन्हें दैनिक उपयोग का सामान उपलब्ध हो सकें इन्हीं में एक कस्बा रायसिंहनगर हैं। इससे पूर्व यह क्षेत्र पंवारसर के नाम से जाना जाता था पंवारसर मौजूदा रायसिंहनगर से पूर्व में गांव 10 टीके व 11 टीके के मध्य स्थित था, जिसके खण्डहरों के निशान आज भी मौजूद हैं। ठाकुर मुकन सिंह यहां के अन्तिम जागीरदार रहे। नहर आने के वक्त बीकानेर रियासत के कमीशनर रिडकन साहिब नाम का एक अंग्रेज अफसर ने क्षेत्र की चक बडा किया तथा 1927 में यहां की जागीर समाप्त कर दी गई। जागीरदार को इसके बदले में चक 22 पीएस में 14 मुरब्बे जमीन व रायसिंहनगर की चौधर दी गई। जागीर समाप्ति के बाद सम्वत् 1985-86 में बीकानेर स्टेट की तरु से मण्डी आबियाना वसूल करने के लिए ईशरदास को चौधरी मुकर्रर किया गया। चौधरी ईशरदास बीकानेर रियासत होने तक रायसिंहनगर के चौधरी रहे इन्होने अपने जीवनकाल में रायसिंहनगर के विकास की भागीधारी के साथ-साथ पेयजल हेतु एक बड़ी डिग्गी का निर्माण करवाया गया जिसे लोगों द्वारा ईशर डिग्गी के नाम से जाना जाता हैं एवं आमजन के सराय हेतु एक धर्मशाला एवं मंदिर का निर्माण करवाया गया जो चौधरी ईशरदास धर्मशाला के नाम से जानी जाती हैं। श्रीगंगानगर के बाद रायसिंहनगर को दूसरे नम्बर की अनाज मण्डी की श्रेणी हासिल हैं। प्रारम्भ में यहां एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस थाना, जेल व प्राथमिक पाठशाला आदि सरकारी महकमें स्थापित किये गये। रायसिंहनगर नगर पालिका के उतरी सीमा के साथ-साथ गुजरने वाली नगर का नाम रायसिंहनगर के पुराने पंवारसर के नाम से पीएस वितरिका नाम रखा गया। यह नगर वर्ष 1928 में बनकर तैयार हो गई थी लेकिन इसमें पानी बहुत ही कम आता था अत: पीने का पानी रेल द्वारा उपलब्ध करवाया जाता था। जिसका परमिट तहसीलदार जारी करता था। पेयजल की कमी को देखते हुवे सेठ घनश्याम दास तापडिया ने उस जमाने में पांच हजार रूपये खर्च करके पंचायत समिति के सामने स्थित कुऐं का निर्माण करवाया गया। जिसका इस क्षेत्र द्वारा खूब उपयोग किया गया लेकिन वर्तमान में काफी वर्षो से उपयोग नहीं हो रहा गत पालिका मण्डल द्वारा विरासत की धरोहर के संरक्षण एवं पुन: उपयोग हेतु इसके विकास हेतु निविदायें भी जारी की गई जो मण्डल की स्वीकृती अधीन हैं।
इसके साथ-साथ श्रीगंगानगर जिले में सर्वप्रथम सार्वजनिक वाटर वर्क्स स्थापित करने का गौरव भी रायसिंहनगर को हासिल हैं जो कि रायसिंहनगर के वासी श्री रामनारायण किनरा एवं चम्पालाल वैद्य के प्रयासों से स्थापित किया गया। इसी तरह सन् 1952 में सामुदायिक विकास योजना चालू की गई तो बीकानेर डिविजन में इसकी शुरूआत रायसिंहनगर से हुई। रायसिंहनगर की आबादी काटे जाने से पूर्व सन् 1924 में रेल्वे लाईन आ गई थी, एवं रेल्वे स्टेशन का निर्माण भी हो गया था। उक्त समय रेल्वे स्टेशन का मुख्य दरवाजा पूर्व की ओर खुलता रखा गया था, क्योकि प्रारम्भ में पंवारसर के पास चक 22 पीएस में रायसिंहनगर मण्डी को आबाद करने का निश्चय किया गया था तथा इसी के अनुरूप रेल्वे स्टेशन का निर्माण रेल्वे लाईन के पूर्व दिशा में करवाया गया।
रायसिंहनगर बीकानेर से 200 किलोमीटर दक्षिण- पश्चिम एवं भारत की राजधानी दिल्ली से लगभग 465 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं कस्बा भारत पाक सीमा से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, जिला मुख्यालय श्रीगंगानगर से 69 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
ऐतिहासिक स्थान – इस क्षेत्र में सबसे पुराणा श्री हनुमान जी का मन्दिर, श्री सत्यनारायण जी का मन्दिर, श्री दुर्गा माता का भव्य मन्दिर स्थित हैं।
भौगोलिक स्थित - रायसिंहनगर के उतरी एवं पूर्वी क्षेत्र का भाग समतल एवं पूर्ण रूप से सिंचित क्षेत्र हैं जबकि दक्षिण एवं पश्चिम के भाग के कुछ रेतीला भाग लगता हैं लेकिन अधिकतर भाग समतल ही कहा जा सकता हैं रायसिंहनगर के क्षेत्र को गंगनहर के पानी से सिंचाई होती हैं।
जलवायु – इस प्रदेश में वर्षा 5 इन्च 10 इन्च के मध्य होती हैं तथा जलवायु सामान्य रहती हैं।
स्थिति – रायसिंहनगर शहर के कोरडिनेट्स निम्नानुसार हैं :- 29°32'3.09°N73°26'51.65'E पर स्थित हैं।
क्षेत्रफल – नगर पालिका रायसिंहनगर का क्षेत्रफल 05 वर्ग किलोमीटर हैं।
जनसंख्या – वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार शहर रायसिंहनगर की जनसंख्या 28830 हैं।
साक्षरता – शहर रायसिंहनगर की वर्तमान में साक्षरता 90 प्रतिशत हैं जिसमें 04 निजि महाविद्यालय, 2 राजकीय सीनियर हायर सैकेण्डरी विद्यालय, 2 निजी कम्पयूटर संस्थान हैं। विद्यालयों में बी.एड. कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, इंजनियरिंग कॉलेज एवं गैर सरकारी संस्थायें हैं।